बंगाल का विभाजन कब हुआ ?
बंगाल का विभाजन (Bangal Ka Vibhajan) 16 अक्टूबर 1905 को हुआ। इस दिन पूरे बंगाल में शोक दिवस मनाया गया।
बंगाल विभाजन के उद्देश्य –
- प्रशासनिक सुगमता का दावा, परंतु वास्तविक उद्देश्य बंगाल में बढ़ती राजनीतिक जागरूकता को कमजोर करना और हिंदू-मुस्लिम संघर्ष उत्पन्न करना था।
बंगाल विभाजन का प्रभाव –
- बंगाल विभाजन के खिलाफ बंगाल में और पूरे भारत में व्यापक विरोध हुआ। स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई, जिसमें ब्रिटिश वस्त्रों और वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।
- रवींद्रनाथ टैगोर ने 16 अक्टूबर को राखी दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया तथा हिंदू मुसलमानों ने एक दूसरे के कलाइयों पर राखी बांधी।
- वंदे मातरम् गीत के साथ विरोध प्रदर्शन हुए और राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया गया।
प्रमुख नेता – रवींद्रनाथ टैगोर ने विभाजन के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया और ’अमर सोनार बांग्ला’ जैसे देशभक्ति गीतों की रचना की, जो अब बांग्लादेश का राष्ट्रगान है।
विरोध का परिणाम –
- विरोध और आक्रोश के चलते लार्ड कर्जन को 1905 को भारत छोड़ना पड़ा।
- अंततः 1911 में लॉर्ड हार्डिंग ने विभाजन को रद्द कर दिया।